अकेले इतना सब सम्हालना मुश्किल हो रहा है, और अगर आप यह मुश्किल समझ पा रहे हैं, और उसे कम करने में सहयोगी बन सकें कि शब्दंकान यों ही बढ़ती रहे, तो ... आभार